नई दिल्ली:
भारत ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, भारत अब जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने इस बात की पुष्टि की है।
भारत की अर्थव्यवस्था पहुँची 4 ट्रिलियन डॉलर के पार
नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद प्रेस से बात करते हुए बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत ने एक नया मील का पत्थर छू लिया है। उन्होंने बताया:
“इस समय भारत की अर्थव्यवस्था 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर चुकी है और हमने जापान को पछाड़ते हुए चौथे स्थान पर जगह बना ली है।”
इस बात की पुष्टि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों से भी होती है। अब वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत से आगे केवल अमेरिका, चीन और जर्मनी हैं।
2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की संभावना
सुब्रह्मण्यम ने भरोसा जताया कि यदि भारत मौजूदा विकास योजनाओं और आर्थिक सुधारों पर टिका रहा, तो अगले 2.5 से 3 वर्षों में भारत जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन सकता है।
भारत के पास सुनहरा अवसर
नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि भारत इस समय तेज़ आर्थिक विकास के उस अहम मोड़ पर खड़ा है, जहाँ से अतीत में कई देश वैश्विक महाशक्ति बनकर उभरे थे।
उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि भारत को आने वाले 20 से 25 वर्षों तक “जनसांख्यिकीय लाभांश” (Demographic Dividend) का भरपूर लाभ मिलेगा यानी युवाओं की बड़ी आबादी देश की आर्थिक प्रगति में एक प्रमुख ताकत साबित हो सकती है।
निर्माण और विनिर्माण का हब बन रहा भारत
बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने यह भी कहा कि भारत वैश्विक विनिर्माण का सस्ता और विश्वसनीय केंद्र बनता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जिसमें उन्होंने एप्पल आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग अमेरिका में होने की बात कही थी, सुब्रह्मण्यम ने कहा:
“टैरिफ क्या होंगे, यह कहना मुश्किल है, लेकिन भारत निर्माण के लिए एक सस्ता और बेहतर विकल्प बना रहेगा।”
GDP ग्रोथ और ग्रामीण खपत में मजबूती
रिपोर्टों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024–25 की चौथी में भारत की GDP ग्रोथ रेट 6.8% तक रहने का अनुमान है। इस वृद्धि के पीछे मुख्य रूप से कृषि, परिवहन, निर्माण क्षेत्र और ग्रामीण खपत का अहम योगदान रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि गांवों में बढ़ती खरीदारी क्षमता और सर्विस सेक्टर की मजबूती ने उपभोग और निवेश दोनों को रफ्तार दी है, जिससे समग्र आर्थिक गतिविधियों को बल मिला है।
Congratulations to everyone. Its official now. India is 4th largest economy. pic.twitter.com/wqahgowpU7
— 🇮🇳 Desi Dil Se 🇮🇳 (@iPundalikH) May 25, 2025
निष्कर्ष
भारत की यह उपलब्धि सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि विश्व मंच पर भारत की बढ़ती हुई आर्थिक ताकत का प्रतीक है। अगर वर्तमान योजनाएं और विकास की दिशा जारी रही, तो वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित हो जाएगा।
डिस्क्लेमर:
यह लेख विभिन्न सरकारी बयानों और IMF जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सार्वजनिक आंकड़ों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी शैक्षणिक और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है, इसका निवेश या आर्थिक निर्णय से कोई संबंध नहीं है।
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