
Pune Bridge Collapse: महाराष्ट्र के पुणे जिले में भारी बारिश का कहर रविवार को एक दर्दनाक हादसे में बदल गया जब कुंदमाला में इंद्रायणी नदी पर बना एक पुराना लोहे का पुल ढह गया। इस हादसे में 25 से 30 पर्यटकों के बहने की आशंका है, जबकि अब तक 6 शव बरामद किए जा चुके हैं। हादसे के तुरंत बाद बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है और NDRF की दो टीमें घटनास्थल पर तैनात कर दी गई हैं।
Pune Bridge Collapse: हादसा कैसे हुआ?
यह घटना पुणे के मावल तालुका के कुंदमाला क्षेत्र में रविवार दोपहर करीब 3:30 बजे हुई। रविवार होने के कारण वहां बड़ी संख्या में पर्यटक मौजूद थे। लगातार बारिश के कारण इंद्रायणी नदी का जलस्तर काफी बढ़ चुका था। भीड़भाड़ के बीच अचानक पुल ढह गया और उस पर खड़े लोग नदी में गिर गए।
घटनास्थल का दृश्य
घटनास्थल से सामने आए वीडियो और तस्वीरों में इस हादसे की भयावहता साफ झलकती है। सैलानियों की चीख-पुकार, बहते हुए लोग और अफरा-तफरी का माहौल हर किसी को झकझोर कर रख देता है।
राहत और बचाव कार्य
पुलिस, फायर ब्रिगेड और NDRF की टीमें घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। अब तक 6 लोगों को बचा लिया गया है जबकि कई लोग अब भी लापता हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन को युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा:
“यह हादसा बेहद दुखद है। मैंने संभागीय आयुक्त, पुलिस और प्रशासन से बात की है। सभी राहत कार्य तेजी से किए जाएं और प्रभावितों को हरसंभव सहायता दी जाए।”
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जाए और परिजनों को मुआवज़ा दिया जाए।
पुणे जिल्ह्यातील तळेगावनजीक इंदोरी येथे इंद्रायणी नदीवरील एक पूल कोसळून झालेल्या दुर्घटनेचे वृत्त ऐकुन अतिशय दुःख झाले.
या घटनेत प्राथमिक माहितीनुसार 2 लोकांचा मृत्यू झाला आहे. मी त्यांना भावपूर्ण श्रद्धांजली अर्पण करतो. त्यांच्या कुटुंबियांच्या दुःखात आम्ही सहभागी आहोत.
या…— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) June 15, 2025
पुल की स्थिति पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पुल 4-5 साल पहले ही मरम्मत किया गया था, लेकिन मानसून में इसकी हालत पहले से ही खराब थी। कई बार प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस, तालेगांव दाभाड़े थाना और ग्रामीण प्रशासन मिलकर राहत कार्य में लगे हुए हैं। प्रशासन ने बताया कि 10-15 लोगों के फंसे होने की आशंका है, जिनकी तलाश जारी है।
मौसम की मार
पिछले दो दिनों से मावल और आसपास के इलाकों में लगातार मूसलधार बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ऐसे में पुलों और पहाड़ी क्षेत्रों में खतरा और अधिक बढ़ गया है।
मानवीय पीड़ा और संवेदनाएं
इस हादसे ने कई परिवारों को शोक में डुबो दिया है। पर्यटक जो खुशियाँ मनाने आए थे, वे अब मौत के साए में हैं। एक चश्मदीद ने बताया:
“हम पुल के दूसरी तरफ खड़े थे, तभी अचानक एक जोरदार आवाज आई और पुल ध्वस्त हो गया। लोग पानी में बह गए, हम कुछ नहीं कर पाए।”
आगे क्या?
सरकार की ओर से हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। दोषी अधिकारियों या ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, स्थानीय प्रशासन को भविष्य में ऐसे पुलों की स्थिति की जांच करने और संवेदनशील इलाकों में अलर्ट जारी करने को कहा गया है।
क्या सीख मिली?
यह हादसा हमें यह सिखाता है कि:
सार्वजनिक ढांचे की नियमित जांच जरूरी है।
मानसून में पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ानी चाहिए।
स्थानीय लोगों की चेतावनियों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
निष्कर्ष:
Pune Bridge Collapse की यह घटना न केवल एक संरचनात्मक विफलता है, बल्कि यह मानवीय लापरवाही और मौसम की चेतावनियों को नजरअंदाज करने का नतीजा भी है। जब तक हम अपनी अवसंरचनाओं की देखरेख और सुरक्षा को गंभीरता से नहीं लेंगे, ऐसे हादसे दोहराते रहेंगे।
ये भी पढ़ें…