भारत सरकार देशभर में यात्रा को सरल, सुगम और डिजिटल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। नई प्रस्तावित टोल नीति के तहत नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर सफर अब और भी आसान हो सकता है। इस नीति के लागू होने पर यात्रियों को हर बार टोल प्लाज़ा पर रुकने या बार-बार FASTag रिचार्ज करने की आवश्यकता नहीं होगी। आइए जानते हैं इस प्रस्तावित नीति के मुख्य बिंदु।
₹3000 में साल भर अनलिमिटेड यात्रा
सरकार की नई नीति के अनुसार वाहन मालिकों को एक विकल्प मिलेगा एक बार ₹3000 का भुगतान करके वे पूरे साल भारत के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य एक्सप्रेसवे और अन्य एक्सप्रेसवे पर अनलिमिटेड यात्रा कर सकेंगे। इसे “एनुअल पास सिस्टम“ नाम दिया गया है।
इस सुविधा के लिए किसी नए दस्तावेज़ या खाते की जरूरत नहीं होगी। वाहन स्वामी मौजूदा FASTag खाते का उपयोग कर सकेंगे। यह नीति खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी जो रोज़ाना या नियमित रूप से हाईवे पर यात्रा करते हैं।
दूरी-आधारित भुगतान विकल्प
जो लोग साल भर का भुगतान नहीं करना चाहते, उनके लिए दूसरा विकल्प दूरी-आधारित शुल्क प्रणाली (Distance-Based Pricing) होगा। इसके तहत यात्रियों को ₹50 प्रति 100 किलोमीटर की दर से भुगतान करना होगा। यह प्रणाली उन यात्रियों के लिए आदर्श है जो कभी-कभार हाईवे का उपयोग करते हैं।
टोल प्लाज़ा होंगे समाप्त, आएगी सेंसर-आधारित प्रणाली
नई टोल नीति का सबसे बड़ा आकर्षण है, बैरियर-फ्री टोलिंग सिस्टम। इसके अंतर्गत टोल प्लाज़ा को हटाकर सेंसर आधारित टोल संग्रह प्रणाली को अपनाया जाएगा। इससे गाड़ियों को बिना रुके यात्रा करने की सुविधा मिलेगी, जिससे जाम, समय और ईंधन की बचत होगी। यह परिवर्तन भारत के राजमार्गों को पूरी तरह डिजिटल और आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा।
डिजिटल डेटा से ठेकेदारों को मिलेगा मुआवज़ा
वर्तमान में जो टोल ऑपरेटर हैं, उनकी आय टोल संग्रह पर आधारित है। लेकिन जब यात्रियों को अनलिमिटेड यात्रा की सुविधा दी जाएगी, तो सरकार इन ऑपरेटरों को डिजिटल यात्रा रिकॉर्ड के आधार पर मुआवज़ा देगी। इसके लिए एक फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है, ताकि किसी को नुकसान न हो।
बैंकों को मिलेगी अधिक शक्ति
टोल चोरी और गलत उपयोग को रोकने के लिए सरकार बैंकों को ज्यादा अधिकार देने जा रही है। बैंक अब FASTag खातों में न्यूनतम बैलेंस रखने की शर्त लागू कर सकेंगे, और नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना भी लगा सकेंगे।
लाइफटाइम FASTag योजना रद्द
सरकार ने पहले ₹30,000 में 15 वर्षों के लिए एक लाइफटाइम FASTag योजना प्रस्तावित की थी। लेकिन इसमें उपयोगकर्ता की दिलचस्पी कम रहने और कई पक्षों की असहमति के कारण इसे रद्द कर दिया गया है।
अनुशासन और सफाई पर ज़ोर
पिछले साल “वन व्हीकल, वन FASTag” नियम लागू होने के बाद लगभग 1 करोड़ डुप्लिकेट FASTag निष्क्रिय कर दिए गए थे। सरकार FASTag प्रणाली को पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए नए सेंसर और तकनीक विकसित कर रही है।
सभी राज्यों के सहयोग से लागू होगी नीति
सरकार इस नई टोल नीति को राज्य सरकारों के साथ मिलकर लागू करने की योजना बना रही है, ताकि सभी प्रकार की सड़कों को कवर किया जा सके। इसके लिए तकनीकी और बुनियादी ढांचे से जुड़े मुद्दों पर कई बैठकों का आयोजन किया जा चुका है।
क्या होगा असर?
यह नीति विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए राहत लेकर आएगी जो रोज़ाना हाईवे का उपयोग करते हैं। इससे टोल संग्रह में पारदर्शिता आएगी, वाहनों की आवाजाही सुगम होगी और यात्रा की लागत को पूर्वानुमानित किया जा सकेगा। ट्रैफिक जाम में कमी और ईंधन की बचत से पर्यावरण को भी लाभ होगा।
निष्कर्ष
यदि यह प्रस्तावित टोल नीति लागू होती है, तो यह भारत के टोल कलेक्शन सिस्टम में एक ऐतिहासिक बदलाव होगा। एनुअल पास और दूरी-आधारित भुगतान विकल्प से सभी वर्ग के यात्रियों को सुविधा मिलेगी और भारत की सड़क यात्रा प्रणाली और भी स्मार्ट बन जाएगी।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और सरकारी प्रस्तावों पर आधारित है। प्रस्तावित टोल नीति अभी विचाराधीन है और इसमें परिवर्तन संभव हैं। कृपया आधिकारिक अधिसूचना या संबंधित सरकारी विभाग की वेबसाइट से अंतिम और सटीक जानकारी प्राप्त करें। इस लेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है, न कि किसी आधिकारिक निर्णय या परामर्श को स्थान देना।
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