Ganga Dussehra पूजा विधि, महत्व और शुभ तिथि – जानें सब कुछ

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Ganga Dussehra (2025)

Ganga Dussehra हिन्दू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पवित्र त्योहार है, जिसे मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, जो इस साल 5 जून 2025, बुधवार को पड़ रहा है। मान्यता है कि इसी दिन माँ गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। इस दिन श्रद्धालु गंगा नदी के तट पर इकट्ठा होकर धार्मिक अनुष्ठान करते हैं और माँ गंगा की पूजा-अर्चना कर अपने पापों से मुक्ति पाने की कामना करते हैं।

Ganga Dussehra का धार्मिक महत्व

Ganga Dussehra का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व बहुत गहरा है। हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, माँ गंगा को स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुए इस दिन के रूप में मनाया जाता है। माँ गंगा को जीवनदायिनी और पवित्र नदी माना जाता है, जो न केवल भौतिक रूप से जल प्रदान करती हैं, बल्कि आत्मा की शुद्धि भी करती हैं। गंगा नदी को अनेक नामों से जाना जाता है जैसे भागीरथी, जान्हवी, शिवप्रिया, भगीरथी, मंडाकिनी आदि। वे भक्तों के पापों को धोकर उन्हें पुण्य की ओर ले जाती हैं।

Ganga Dussehra क्यों मनाया जाता है?

Ganga Dussehra का पर्व इस वजह से मनाया जाता है क्योंकि माना जाता है कि इसी दिन माँ गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। वेदों और पुराणों के अनुसार, ऋषि भागीरथ ने अपने पूर्वजों को मुक्त करने के लिए भगवान ब्रह्मा और भगवान शिव की तपस्या की, जिससे माँ गंगा को पृथ्वी पर आने का आशीर्वाद मिला। भगवान शिव ने अपनी जटाओं में गंगा को ठहराया ताकि उनकी शक्ति और गति नियंत्रित हो सके। इसी कारण से गंगा दशहरा को माँ गंगा के अवतरण का पर्व माना जाता है।

Ganga Dussehra के दिन की धार्मिक क्रियाएँ

Ganga Dussehra के दिन श्रद्धालु सुबह जल्दी उठकर सूर्योदय के समय गंगा नदी में पवित्र स्नान करते हैं। यह स्नान मन और शरीर की शुद्धि का प्रतीक माना जाता है। गंगा नदी में स्नान करने से पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को सुख-शांति मिलती है। इस दिन लोग कम से कम 3 से 10 बार गंगा में डुबकी लगाते हैं। डुबकी लगाते समय “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, लोग मां गंगा को फूल, मिठाई, दीया, और साड़ी चढ़ाते हैं। दान-पुण्य करने, ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र देने का भी विशेष महत्व होता है।

Ganga Dussehra के दौरान विशेष आयोजन

Ganga Dussehra के अवसर पर गंगा के किनारे विशेष मेले और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वाराणसी, हरिद्वार, ऋषिकेश, गढ़मुक्तेश्वर, इलाहाबाद और पटना जैसे पवित्र शहरों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं। शाम को गंगा आरती का आयोजन होता है, जिसमें भक्त गंगा माता की स्तुति और प्रार्थना करते हैं। दीपदान की परंपरा भी गंगा दशहरा के दौरान खास होती है, जो अंधकार को दूर करने और आध्यात्मिक प्रकाश फैलाने का प्रतीक है।

Ganga Dussehra और धार्मिक ग्रंथ

स्कंद पुराण, वराह पुराण जैसे धार्मिक ग्रंथों में गंगा दशहरा के महत्व का उल्लेख है। इन ग्रंथों के अनुसार, Ganga Dussehra के दिन स्नान, दान, और पूजा करने से पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। पुराणों में यह भी बताया गया है कि गंगा दशहरा के दिन आम का दान और आम का सेवन भी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह मौसम का प्रमुख फल होता है।

शुभ संदेश और मनाए जाने के तरीके

इस पावन पर्व पर लोग अपने परिवार, मित्र और प्रियजनों को शुभकामनाएं भेजते हैं। गंगा दशहरा के संदेश में माँ गंगा की महिमा का उल्लेख करते हुए यह भी कहा जाता है कि इस दिन गंगा स्नान, दान, और पूजा से जीवन में नकारात्मकता समाप्त होती है और सुख-शांति आती है।

शुभकामनाएं:

पावन धारा गंगा आई, पुण्य सभी के संग लाई।
दशहरा पर करें स्नान, पाएं जीवन का कल्याण।
गंगा दशहरा की शुभकामनाएं

मां गंगे का आज है दिन, करें स्मरण हर पल-छिन।
दशहरे पर शुभ आशीष मिले, हर मन पावन हो चले।
गंगा दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएं

पुण्य की यह घटा छाई है,
मां गंगा की कृपा लाई है।
गंगा दशहरा की शुभकामनाएं

Ganga Dussehra मनाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कार्य निम्नलिखित हैं:

  1. सुबह जल्दी उठकर गंगा में स्नान करें।

  2. गंगा जल में स्नान करते हुए “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।

  3. माँ गंगा को फूल, मिठाई, दीपक, और वस्त्र अर्पित करें।

  4. दान-पुण्य करें, विशेषकर ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र देना अत्यंत पुण्यदायी होता है।

  5. शाम को गंगा आरती में भाग लें और दीपदान करें।

  6. यदि नदी के पास जाना संभव न हो तो घर में गंगाजल रखकर उसकी पूजा करें।

निष्कर्ष

Ganga Dussehra न केवल माँ गंगा के अवतरण का पर्व है, बल्कि यह आत्मा की शुद्धि, पापों से मुक्ति, और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक भी है। यह पर्व हमारे जीवन में धार्मिकता, विश्वास और आध्यात्मिकता को बनाए रखने में सहायक होता है। इस दिन गंगा में स्नान और पूजा करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। इसलिए गंगा दशहरा का त्योहार श्रद्धा, आस्था और भक्ति के साथ मनाना चाहिए ताकि माँ गंगा की कृपा हम सभी पर बनी रहे।

Ganga Dussehra की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं! माँ गंगा का आशीर्वाद सदैव आपके साथ बना रहे।
जय माँ गंगा!

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