
हिमाचल प्रदेश इन दिनों मूसलधार बारिश और प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहा है। राज्य के कई जिलों, खासकर मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर, में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने प्रदेश में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और लोगों को सावधानी बरतने की अपील की गई है।
मंडी में बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त
मंडी जिले में बीती रात बादल फटने की कई घटनाएं सामने आई हैं। सबसे ज़्यादा नुकसान करसोग और गोहर उपमंडल में हुआ है। करसोग में दो जगह बादल फटने की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि सात लोग लापता हैं। वहीं, स्यांज नाले में आए फ्लैश फ्लड ने एक घर को बहा दिया। इस हादसे में मां-बेटी को सुरक्षित बचा लिया गया लेकिन परिवार के नौ अन्य सदस्य लापता हैं।
ब्यास नदी में बाढ़, पंडोह डैम के गेट खुले
लगातार बारिश से ब्यास नदी उफान पर है। पंडोह डैम का जलस्तर खतरनाक निशान के करीब पहुंच गया है। जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए 1.57 लाख क्यूसेक से अधिक पानी नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे पंडोह बाजार जलमग्न हो गया है। लोगों को घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें रेस्क्यू में जुटी हुई हैं, लेकिन तेज बारिश और बहाव के कारण रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं। सुजानपुर के खेरी गांव में ब्यास नदी के जलस्तर बढ़ने से 20 से अधिक लोग फंस गए थे, जिनमें से 15 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है।
स्कूल और कॉलेज बंद
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में 1 जुलाई 2025 को सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रखने का आदेश दिया गया है। डीसी मंडी अपूर्व देवगन, डीसी कांगड़ा हेमराज बेरवा और डीसी हमीरपुर ने जनता से अपील की है कि वे नदी-नालों से दूर रहें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।
बिजली और पानी की सप्लाई बाधित
भारी बारिश के चलते राज्य भर में 259 सड़कें बंद, 614 ट्रांसफार्मर ठप और 130 से अधिक पेयजल योजनाएं बाधित हो चुकी हैं। बिजली और पानी की समस्या से आम जनता बुरी तरह प्रभावित है।
प्रभावित क्षेत्र और नुकसान का आंकड़ा
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 20 से 30 जून के बीच वर्षा जनित घटनाओं में 44 लोगों की मौत, 83 घायल, और 5 लोग लापता हैं। अब तक राज्य को 75 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के चंबा, मंडी, हमीरपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों के लिए येलो अलर्ट, जबकि कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में मध्यम बाढ़ का खतरा जताया है। साथ ही, राज्य में 6 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना है। 2 और 3 जुलाई को ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है।
#WATCH | Morning visuals from Himachal Pradesh’s Mandi, where the water level in the River Beas has risen due to incessant heavy rainfall in the State.
A ‘red alert’ for heavy to very heavy rainfall has been issued in the district. pic.twitter.com/pgCJC8yIR9
— ANI (@ANI) July 1, 2025
स्थानीय लोगों की आपबीती
मंडी निवासी सुशील ने बताया कि “रातभर बारिश होती रही और ब्यास नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। कई जगह भूस्खलन हो रहे हैं और सड़कें बंद हैं। लोग डरे हुए हैं, कई घरों में मलबा और पानी घुस गया है।”
प्रमुख क्षति: पावर प्रोजेक्ट और पुल तबाह
सराज क्षेत्र के पास 16 मेगावाट का पटिकरी पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो गया है। इसके अलावा बाखली और कुकलाह के पुल टूट गए हैं, जिससे आवाजाही ठप हो गई है। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे भी बंद है।
निष्कर्ष: अगले कुछ दिन बेहद अहम
हिमाचल प्रदेश में बारिश का यह कहर अभी थमने वाला नहीं है। प्रशासन पूरी मुस्तैदी से राहत-बचाव कार्य में जुटा है लेकिन तेज बारिश और भूस्खलन की आशंका अभी बनी हुई है। लोगों से अपील है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें, नदी-नालों से दूर रहें और किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में प्रशासन को सूचित करें।
हिमाचल न्यूज़ से जुड़े ताज़ा अपडेट्स के लिए जुड़े रहें। अगर आप राज्य में रह रहे हैं तो कृपया सुरक्षा नियमों का पालन करें और प्रशासन का सहयोग करें।
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