income tax return filing due date:

आयकर रिटर्न (Income Tax Return) भरने वाले करोड़ों करदाताओं के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए ITR फाइल करने की आखिरी तारीख को बढ़ाकर अब 15 सितंबर 2025 कर दिया गया है। पहले यह समयसीमा 31 जुलाई 2025 थी, जो अब 46 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है। यह घोषणा आयकर विभाग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) के जरिए की है।
Kind Attention Taxpayers!
CBDT has decided to extend the due date of filing of ITRs, which are due for filing by 31st July 2025, to 15th September 2025
This extension will provide more time due to significant revisions in ITR forms, system development needs, and TDS credit… pic.twitter.com/MggvjvEiOP
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) May 27, 2025
क्यों बढ़ाई गई है ITR भरने की तारीख?
इस बार आयकर रिटर्न फॉर्म में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बताया कि नए ITR फॉर्म में संरचनात्मक और सामग्री संबंधी बदलाव किए गए हैं ताकि टैक्सपेयर्स को फाइलिंग में आसानी हो, पारदर्शिता बढ़े और सही जानकारी दी जा सके। इन बदलावों के चलते ITR यूटिलिटी सिस्टम के विकास, टेस्टिंग और TDS डेटा रिफ्लेक्शन में देरी हुई, जिस कारण ITR फाइल करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा था।TDS डिटेल्स आमतौर पर जून की शुरुआत में ही सिस्टम में दिखनी शुरू होती हैं, जबकि फॉर्म मई के अंत में भरे जाते हैं। इस छोटे से समय में सही तरीके से ITR फाइल करना कठिन हो जाता है, खासकर उन करदाताओं के लिए जिनके खाते का ऑडिट नहीं होता।
किन करदाताओं को मिलेगा सीधा लाभ?
यह विस्तार मुख्य रूप से उन वेतनभोगी कर्मचारियों और व्यक्तिगत करदाताओं के लिए फायदेमंद है जिनके खातों का ऑडिट नहीं होता। ऐसे लोग आमतौर पर 31 जुलाई तक अपना रिटर्न फाइल करते हैं। अब उन्हें 15 सितंबर तक का समय मिल गया है, जिससे TDS की जानकारी अपडेट होने और नए फॉर्म को समझने का भी समय मिलेगा।
क्या होंगे फायदे?
समय की राहत: अब करदाताओं को 46 अतिरिक्त दिन मिलेंगे।
सही जानकारी देने का मौका: TDS क्रेडिट डेटा मिलने के बाद रिटर्न भरने में कम गलतियां होंगी।
सिस्टम अपग्रेड का लाभ: नए फॉर्म और यूटिलिटी का उपयोग करके फाइलिंग आसान और अधिक पारदर्शी होगी।
नए Income Tax Return फॉर्म में क्या हैं प्रमुख बदलाव?
CBDT ने AY 2025-26 के लिए सभी 7 ITR फॉर्म अधिसूचित कर दिए हैं:
ITR-1 (सहज): 50 लाख रुपये तक की आय वाले निवासी व्यक्तियों के लिए। अब 1.25 लाख रुपये तक के लिस्टेड इक्विटी LTCG की रिपोर्टिंग की अनुमति है।
ITR-2: पूंजीगत लाभ और एक से अधिक संपत्तियों से आय वाले व्यक्तियों/HUF के लिए।
ITR-3: वे व्यक्ति और HUF जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से होती है।
ITR-4 (सुगम): अनुमानित कराधान चुनने वाले व्यक्तियों, HUF, और फर्मों (LLP छोड़कर) के लिए। इसमें भी अब 1.25 लाख तक के LTCG की रिपोर्टिंग संभव है।
ITR-5, ITR-6 और ITR-7: फर्म, कंपनियों, ट्रस्ट और धर्मार्थ संस्थाओं के लिए अपडेटेड फॉर्म्स।
इसके अलावा, फॉर्म में अब 80C, 80GG जैसी कटौतियों के लिए नए सेक्शन और ड्रॉप-डाउन मेनू की सुविधा दी जाएगी, जिससे फॉर्म भरना और आसान हो जाएगा।
क्या होगा अगर समय पर ITR नहीं भरा?
यदि करदाता 15 सितंबर 2025 तक भी ITR फाइल नहीं करते हैं, तो उन पर ₹5,000 तक का लेट फाइन लग सकता है। इसलिए सलाह दी जाती है कि इस बढ़े हुए समय का उपयोग करदाताओं को सही और समय पर रिटर्न दाखिल करने के लिए करना चाहिए।
निष्कर्ष:
Income Tax Return भरने की तारीख को बढ़ाकर सरकार ने करदाताओं को बड़ा राहत दिया है। नए फॉर्म की जटिलताओं को देखते हुए यह निर्णय समयानुकूल और उचित है। इस विस्तार से ना केवल रिटर्न फाइलिंग का अनुभव बेहतर होगा बल्कि कर प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
Disclaimer:यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसमें दी गई जानकारी विभिन्न सार्वजनिक स्रोतों और आधिकारिक घोषणाओं पर आधारित है। कृपया ITR दाखिल करने से पहले अपने टैक्स सलाहकार से सलाह लें। इस लेख में दी गई जानकारी के उपयोग से उत्पन्न किसी भी प्रकार की त्रुटि, नुकसान या कानूनी जटिलता के लिए लेखक या प्रकाशक जिम्मेदार नहीं होंगे।