किदाम्बी श्रीकांत ने मलेशिया मास्टर्स 2025 के फाइनल में बनाई जगह, लगभग 4 साल बाद वर्ल्ड टूर फाइनल में वापसी

 

भारत के दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत ने मलेशिया मास्टर्स 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए वर्ल्ड टूर फाइनल में जगह बना ली है। शनिवार को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में उन्होंने जापान के युशी टनाका को सीधे गेमों में 21-18, 24-22 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया।

यह किदाम्बी श्रीकांत का 2019 इंडिया ओपन के बाद पहला वर्ल्ड टूर फाइनल है। अब फाइनल में उनका सामना विश्व नंबर 4 ली शि फेंग से होगा, जिन्होंने दूसरे सेमीफाइनल में जापान के कोडाई नारोका को हराया।

किदाम्बी श्रीकांत
kidambi srikanth (image X)

 

वर्षों बाद वापसी

32 वर्षीय किदाम्बी श्रीकांत पिछले कुछ सालों से फॉर्म और फिटनेस की समस्याओं से जूझ रहे थे। इस टूर्नामेंट में उन्हें क्वालीफाइंग राउंड से शुरुआत करनी पड़ी थी, लेकिन उन्होंने छह मुकाबले लगातार जीतकर सबको चौंका दिया।

“काफी समय बाद मैंने किसी टूर्नामेंट में इतने मैच जीते हैं। मैं हमेशा खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करता हूं और यह जीत इस बात का सबूत है कि मैं सही दिशा में काम कर रहा हूं,” श्रीकांत ने बीडब्ल्यूएफ से बातचीत में कहा।

सेमीफाइनल में दमदार प्रदर्शन

सेमीफाइनल में टनाका ने दोनों गेम में बढ़त बनाई थी, लेकिन श्रीकांत ने जबरदस्त वापसी करते हुए मुकाबले को अपने नाम किया। खासतौर पर दूसरा गेम बेहद रोमांचक रहा, जिसमें श्रीकांत ने कई गेम प्वाइंट बचाते हुए 24-22 से जीत दर्ज की। मुकाबला 52 मिनट चला और श्रीकांत की रणनीति और अनुभव का पूरा असर नजर आया।

आत्मविश्वास से भरे नजर आए श्रीकांत

इस टूर्नामेंट में श्रीकांत ने टनाका से पहले फ्रांस के टोमा जूनियर पोपोव को तीन गेम तक चले कड़े मुकाबले में हराया था। यह वही खिलाड़ी हैं जिससे श्रीकांत 2021 और 2023 में हार चुके थे। इस बार उन्होंने मजबूत मानसिकता के साथ मुकाबले को पलटा और 24-22, 17-21, 22-20 से जीत दर्ज की।

यह श्रीकांत की 2021 वर्ल्ड चैंपियनशिप के बाद किसी भी व्यक्तिगत टूर्नामेंट में पहली फाइनल एंट्री है, जहां उन्होंने रजत पदक जीता था।

भारत की अंतिम उम्मीद

जब ध्रुव कपिला और तनीषा क्रास्टो की मिश्रित युगल जोड़ी क्वार्टर फाइनल में बाहर हो गई, तो श्रीकांत इस टूर्नामेंट में भारत की आखिरी उम्मीद बन गए। अब सभी की निगाहें रविवार को होने वाले फाइनल पर टिकी हैं, जहां श्रीकांत का सामना चीन के स्टार ली शि फेंग से होगा।

क्या फिर से रचेंगे इतिहास?

किदाम्बी श्रीकांत ने 2017 में चार सुपरसीरीज़ खिताब जीतकर इतिहास रचा था। 2022 में भारत की ऐतिहासिक थॉमस कप जीत में भी उनका योगदान अहम रहा। अब जब वे छह साल बाद किसी वर्ल्ड टूर फाइनल में पहुंचे हैं, तो प्रशंसकों को उम्मीद है कि वे इस सुनहरे मौके को जीत में बदलेंगे।

निष्कर्ष

किदाम्बी श्रीकांत ने यह साबित कर दिया है कि अगर जुनून और मेहनत हो तो कोई भी खिलाड़ी फिर से वापसी कर सकता है। उनका यह प्रदर्शन न केवल उनके करियर के लिए अहम है, बल्कि भारत के बैडमिंटन प्रेमियों के लिए भी एक बड़ी खुशखबरी है।

अब देखना होगा कि क्या श्रीकांत इस शानदार फॉर्म को जारी रखते हुए रविवार को मलेशिया मास्टर्स 2025 का खिताब अपने नाम कर पाते हैं।

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