हरियाणा के गुरुग्राम में 25 वर्षीय नेशनल टेनिस प्लेयर Radhika Yadav की हत्या ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। यह कोई सामान्य हत्या नहीं थी, बल्कि एक ऐसी बेटी का कत्ल था जिसने परिवार का नाम रोशन किया था – और मारने वाला कोई बाहरी नहीं, उसका पिता दीपक यादव था।

जहां एक तरफ यह मामला कानून और अपराध के नजरिए से जांचा जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ यह समाज की मानसिकता और महिला स्वतंत्रता पर भी गहरे सवाल खड़े करता है। आखिर राधिका ने ऐसा क्या किया कि उसके पिता ने उसे गोलियों से छलनी कर दिया?
क्या हुआ था उस दिन?
घटना गुरुग्राम के सेक्टर 57 की है। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, सुबह करीब 10:30 बजे अचानक घर में गोली चलने की आवाज़ आई। घर में उस समय तीन लोग मौजूद थे:
Radhika Yadav
उनके पिता दीपक यादव
और मां मंजू यादव
राधिका के चाचा कुलदीप यादव, जो उसी मकान के ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं, आवाज सुनकर ऊपर दौड़े। जब वे ऊपर पहुंचे, तो राधिका को रसोई में खून से लथपथ पड़ा पाया। पास में ही दीपक यादव की .32 बोर की लाइसेंसी रिवॉल्वर पड़ी थी।
उन्हें तुरंत Asia Marinho Hospital, सेक्टर-56 ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस जांच और आरोपी का कबूलनामा
थाना सेक्टर-56 के एसएचओ विनोद कुमार के अनुसार, दीपक यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूछताछ में उसने बेटी की हत्या करना कबूल कर लिया।
दीपक ने कहा:
“लोग ताना देते थे कि मैं बेटी की कमाई खा रहा हूं। उसकी सोशल मीडिया एक्टिविटी और वीडियो को लेकर लोग बातें करते थे। मैंने उससे कहा कि वह टेनिस अकादमी बंद कर दे और वीडियो डिलीट कर दे, लेकिन उसने मेरी बात नहीं मानी।”
यह बयान दर्शाता है कि हत्या की मूल वजह सामाजिक दबाव, पुरुषवादी अहंकार और बेटी की आज़ादी को कंट्रोल न कर पाने की कुंठा थी।
कौन थी Radhika Yadav?
Radhika Yadav एक राष्ट्रीय स्तर की टेनिस खिलाड़ी थीं। चोट लगने के कारण कुछ समय के लिए खेल से दूर रहीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने गुरुग्राम में अपनी खुद की टेनिस अकादमी शुरू की और बच्चों को कोचिंग देना शुरू किया।
इसके साथ ही वह एक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर भी बनना चाहती थीं। पिछले साल उन्होंने जीशान अहमद नामक युवक के साथ एक वीडियो सॉन्ग “कारवां” में भी काम किया था, जो YouTube चैनल INAAM पर रिलीज हुआ।
सोशल मीडिया और ‘कारवां’ वीडियो एंगल
Radhika Yadav और जीशान का वीडियो “कारवां” पिता को नागवार गुजरा। उन्होंने राधिका को वीडियो डिलीट करने को कहा, लेकिन उसने इनकार कर दिया। बस यही असहमति हत्या की वजह बन गई।
हालांकि वीडियो में किसी भी तरह की आपत्तिजनक चीज़ नहीं थी – ना कोई अश्लीलता, ना भड़काऊ दृश्य। लोग आज भी वीडियो देखकर कह रहे हैं:
“इतनी मासूम लड़की को कैसे कोई मार सकता है?”
मां का दर्द और Survivor’s Guilt
घटना के वक्त राधिका की मां मंजू यादव घर में थीं लेकिन उन्होंने पुलिस को बयान देने से इनकार कर दिया। उन्होंने मौखिक रूप से कहा कि उन्हें तेज बुखार था और वे अपने कमरे में थीं।
अब वे एक गहरे मानसिक आघात में हैं। अपनी ही आंखों के सामने बेटी की हत्या, और वो भी पति के हाथों – ये एक मां के लिए ज़िंदगी भर का गिल्ट बन जाता है।
मनोवैज्ञानिक इसे कहते हैं – Survivor’s Guilt। यह भावना इंसान को अंदर से तोड़ देती है। खासकर तब, जब मौत घर के ही किसी सदस्य के हाथों हो।
क्या यह सिर्फ एक मर्डर है? या समाज का आइना?
Radhika Yadav की हत्या किसी क्राइम रिपोर्ट भर नहीं है। यह हमारे पितृसत्तात्मक समाज का वो चेहरा है, जहां बेटियों की आजादी, सफलता और आत्मनिर्भरता को अक्सर खतरे के रूप में देखा जाता है।
अगर बेटी कमाए, तो ताने मिलते हैं
अगर बेटी वीडियो बनाए, तो इज़्ज़त खतरे में
अगर बेटी ‘ना’ कह दे, तो उसका ‘अंत’ लिखा जाता है
कौन है असली दोषी?
क्या दोष सिर्फ दीपक यादव का है?
या समाज का, जो पुरुषों को सिखाता है कि बेटी की कामयाबी ‘शर्म’ है?
या वो सिस्टम, जो बेटियों को आज़ाद सोचने की जगह नहीं देता?
यह केस हमें झकझोर कर कहता है – अब बहुत हुआ।
#WATCH | Gurugram Tennis Player murder case | Father of deceased Radhika Yadav, accused Deepak Yadav being brought out of the court. He has been sent to 1-day Police remand. pic.twitter.com/uyi4losDwh
— ANI (@ANI) July 11, 2025
निष्कर्ष (Conclusion)
Radhika Yadav सिर्फ एक नाम नहीं, एक प्रतीक है उस हर लड़की का जो अपने सपनों को पंख देना चाहती है, लेकिन जिसे समाज और परिवार मिलकर तोड़ देते हैं।
अगर हम अब भी ऐसे मामलों पर चुप रहे, तो हर घर में एक Radhika Yadav मारी जाएगी – और हर मां खुद से कहती रह जाएगी,
“काश, मैं उसे अकेला न छोड़ती…”
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